Wednesday, January 21, 2009

मौत

मौत है क्या?
कभी गौर किया है
किसी ने कोई फतबा दिया है
कि मौत क्या है?
मौत से कोई डरता भी है
मौत कोई भूत तो नहीं
कोई चुड़ैल तो नहीं
मौत का पैगाम कहां से आता है
क्या आप उस पैगाम की प्रतीक्षा में हैं
मौत को क्या आप पछाड़ सकते हैं
मौत के साथ कोई खेलता भी है
सारी बेचैनी, सारी परेशानी का
एक ही रामवाण है
वह है मौत
कलह, विग्रह, फिंचाई, खिंचाई
प्रशंसा, निन्दा, सब का अन्त
कब होगा?
जब झटके में मौत आएगी
अपने आगोश में लेकर
चली जाएगी
राम नाम सत्य होता रहेगा।

3 comments:

निर्मला कपिला said...

sach kaha aapne badia rachna hai

संगीता पुरी said...

जब झटके में मौत आएगी
अपने आगोश में लेकर
चली जाएगी
राम नाम सत्य होता रहेगा।
सही कहा आपने....हम बेकार ही डरते हें....अच्‍छी रचना है।

Unknown said...

bahut badhiya....