उनके बीच
बड़ा ढंग का
चलता था
न कोई तनाव
न कोई शिकायत
पर अब
यह क्या हो गया
क्यों बार-बार
वाक्-युद्ध
खिच-खिच
नोंक-झोंक
आए दिन
हो जाता है
X X X
उनकी शिकायत है
आप मुझे
बच्चों के बीच
क्यों झिरकते हैं
मुझे बुरा लगता है
इस घर में
मेरा क्या कोई वजूद नहीं
कोई क्या
विशेष अधिकार है
मैं चुप नहीं रह सकती।
Monday, January 19, 2009
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3 comments:
नोक झोंक को बहुत अच्छे तरीके से पेश किया आपने..........
अच्छी नोक झोंक।
ठीक ही कहा। आत्मविभोर हो उठा। सही में हम दोनों के बीच यह होता रहता है।
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