समझ नहीं आता
क्या करूं
क्या उम्रदाराजों को
कन्दराओं में शरण
लेनी होगी
या कि उन्हें
कदम-ब-कदम
युवाओं के संग
चलना होगा
* * *
फिर आज
बूढों को खारिज करने की बातें
क्यों उठती है?
तुम भी रहो वे भी रहें सामंजस्य
स्थापित करो।
१२.१०.०७
this is my writing.hope you will like it and love it.
2 comments:
सुंदर भाव है.
ye umrdaraaz to saayedar darakht hain humper...inhey khaarij koi kaisey kar saktaa hai.
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