Sunday, February 3, 2008

दम-ख़म

मौत कोई चाहता नहीं
मैं छियासी में चल रहा हूँ
जन्मदिन पर लोगों ने
कहा-शतायु होवें
काम करता हूँ
घर-परिवार कहता है
बाबूजी!बंद करें
अपना धंधा
आराम कीजिए
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थक जाता हूँ
पस्त हिम्मत भी होता हूँ
फिर अहले सुबह
दम-ख़म से लग हूँ जाता
ब्लड प्रेशर नहीं है/डायबेटिक नहीं हूँ
आहार निरामिष है
आराम से डायना ब्रांड की
ला रंग की लेडीज साइकिल
चलाता हूँ
राह चलते उँगलियाँ
उठती रहती हैं
०९/१०/07l