जननी है
ममता है
वसुंधरा है
माया है
भोग्या है
जंजाल है
जगज्जननी है
मोहिनी है
काली है / दुर्गा है
लक्ष्मी है / पिशाचिनी है
वह रंग बदलती रहती है
क्या नहीं है!
वह रहस्यमयी है
वह सृष्टि है
दुनिया चलाती है
Monday, February 2, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
बहुत सुन्दर शब्द प्रयोग
----------
ज़रूर पढ़ें:
हिन्द-युग्म: आनन्द बक्षी पर विशेष लेख
This is beautiful.
बहुत सुन्दर
कुलवंत
Post a Comment