Thursday, February 12, 2009

पहचान

गांव समाज में
हमारी आपकी पहचान
आसानी से हो जाती है
देश विदेश में
जन-सामान्य को
पहचाना कैसे जाय
तो आई डी चाहिये
वोटर पहचान पत्र
राशन कार्ड
लाइसेंस कार्ड
क्रेडिट कार्ड
ए टी एम कार्ड
ऐसा ही कुछ चाहिये
सार्वजनिक स्थलों पर
अधिकारी तो
नाम के बिल्ले
से जाने जाते हैं
पर भीतरी पहचान
असली पहचान है
मसलन रहम दिल होना
दरियादिल होना
खूंखार होना

1 comment:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

सुखदेव जी, अब वो बात कहां.
आज जब कि हर इन्सान अपने चेहरा पे झूठ का मुखौटा लगाए घूम रहा है तो फिर ये पहचान पत्र ही तो रह गए हैं उसकी पहचान के लिए.
अच्छी पोस्ट ...जिसके जरिए आपके विचारों की गहराई का बखूबी आभास मिल रहा है.
शुभकामनाऎं.......