भाग्यवादी
सब कोई नहीं होता
बहुत इसे मानते हैं
वामपंथी
इसे स्वीकार नहीं करते हैं
दक्षिणपंथी
उस पर भरोसा करते हैं
सबके कपार में
अलग.अलग
कुछ लिखा होता है
जिसे ज्योतिषी पढ़ते हैं
किन्तु
ऐसे भी कर्मठ लोग हैं
जो नये सिरे से
अपने कपार पर लिखे को
मिटाते हैं
नया कुछ गढ़ लेते हैं
ऐसा तो\कभी.कभी
विरले लोगों से होता अ।या है
क्या साहित्यकार को
उसमें
शुमार कर सकते हैं ?
Friday, August 24, 2007
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