Monday, April 13, 2009

लोग

नाम,ख्याति,शोहरतवाले
परवान चढ़ते रहते हैं
उन्हें परेशान करते हैं वे
जिसने स्वयं तो
कुछ नहीं किया
बर्बाद किया अपने को
जलते रहे,मरते रहे
भुनते रहे

उनसे तो बेहतर हैं वे
जो कुछ करना चाहते हैं
समाज के लिए
जिनके दिल में दर्द है
जिनका दृष्टिकोण व्यापक है
उदार हैं
वे मर मिटना चाहते हैं
उन निस्सहाय
पिछड़े के लिए
जिनकी कोई अहमियत नहीं होती।

1 comment:

संगीता पुरी said...

नाम,ख्याति,शोहरतवाले
परवान चढ़ते रहते हैं
उन्हें परेशान करते हैं वे
जिसने स्वयं तो
कुछ नहीं किया
बर्बाद किया अपने को
जलते रहे,मरते रहे
भुनते रहे
हर समाज में शायद दो तरह के लोग होते रहे हैं ... सही चित्र खींचा है आपने समाज का।