Thursday, December 22, 2011

डायरी

क्या डायरी लिखना आवश्यक है? मैं कहूंगा, हां सब कोई डायरी नहीं लिखते। अनपढ़ मजदूर, सर्वहारा डायरी क्या लिखेगा! पढ़े लिखे लोग डायरी लिखते हैं। कोई-कोई नियमित डायरी लिखते हैं। लखन बाबू एक साहित्यकार हैं। डायरी लिखते हैं। दो दशक से डायरी लिखते हैं। डायरी लिखने का तौर तरीका यह है कि सत्य-सत्य दिन भर की मुख्य घटनाओं का उसमें उल्लेख रहता है।

अब बूढ़ा हो गए। उनकी लिखने पढ़ने की क्षमता खतम हो गई। उनकी आलमारी पुस्तकों से भर गई हैं। डायरियां भी स्थान लिए आलमारी में पड़ी हैं।

अब कभी सोचते हैं कि इन्हें जला दूं। इसे उनके मरने के बाद इन्हें कौन पढ़ेगा! फिर सोचते हैं। वसीयत करके जायं कि वे मरेंगे तो उन्हें जब जलाया जाय तो इन डायरियों को भी जला दिया जाय। आपकी डायरी क्या है?

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