Tuesday, December 13, 2011

प्रलय प्रवाह

उधर रूस के जंगलों में लगी आग

थमती नहीं फैलती गई

पाकिस्‍तान की सीमा सरहद

बाढ़ में डूबती गयी

गांव शहर की रिहायसी नगरी

चपेट में लेते हुए

सिंध तक पहुंच गई

रिहंद बांध टूटने के कगार पर

× × ×

उधर कश्‍मीर के लेह में

बादल का फटना

जान माल की क्षति

सैकड़ों सेना के जवान

मिट्टी में दब गए

चीन में तबाही

ग्रीन लैंड क्षेत्र का कटकर

खिसकना!

क्‍या होगा? खण्‍ड प्रलय!

कामायनी की वह पंक्ति

हिम गिरि के उतंग शिखर पर

बैठा शिला की शीतल छांव

एक पुरूष भींगे नयनों से

देख रहा था

प्रलय प्रवाह।

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