Tuesday, January 12, 2010

उधर

हवा में तैरती
फुसफुसाहट
कानों तक आती है
कान खड़े हो जाते हैं
सुनो जी!
जरा कान लगाओ
हां...
कब तक
बाकी सुनायी
नहीं दी
यही तो नहीं...
क्‍या!
इनकी मौत?

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